शतरंज एक ऐसा खेल है जो आज दुनिया भर में लोकप्रिय है. इसे जीतने के लिए दिमाग, बेहतर निर्णय क्षमता और कौशल बेहद जरूरी है.
लेकिन क्या आप जानते हैं इसका जनक कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का एक शहर है. जिसे आज इत्र नगरी के नाम से जाना जाता है.
जी हां हम बात कर रहे हैं कन्नौज जिले की, जिसे शतरंज का जनक कहा जाता है.
शतरंज की शुरुआत सातवीं शताब्दी में कन्नौज में मौकरी वंश के शासनकाल में हुई थी.
शतरंग को उस समय चतुरंगा कहा जाता था. इसके बारे में यूरोपीय देशों के रिसर्च स्कॉलरों के शोध से हुई.
तब 24 खाने में खेल होता था, जिसमें टेराकोटा से बने गजारोही, अश्वरोही, योद्धा जैसे मोहरे होते थे. शतरंज में अब 64 खाने का खेल होता है.
शतरंज का इतिहास करीब 15 सौ साल पुराना है. इसे अष्टपद कहा जाता था.
हर्षवर्धन के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने इसी खेल से प्रेरित अपनी युद्धनीति से कई विदेशी शासकों को हराया था.
यहां दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध तथ्यों पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.