9 देवियों को खुश करने के लिए पकाएं ये भोग, माता रानी खुशियों से भर देगी झोली

Sandeep Bhardwaj
Apr 02, 2024

नव संवत्सर

नव संवत्सर 2081 का प्रारंभ 09 अप्रैल से हो रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से सनातन धर्म को मानने वालों का नया साल शुरु होता है. इसी दिन से नवरात्रि भी प्रारंभ हो रही हैं.

नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां को अलग-अलग भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से आदिशक्ति प्रसन्न होती हैं.

पहले दिन शैलपुत्री का भोग

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा का विधान है. इस दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी भोग लगाना चाहिए.

दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी का भोग

नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. इस दिन देवी मां को शक्कर का भोग लगाना शुभ होता है.

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का भोग

नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा होती है. इस दिन मां को दूध का भोग लगाना चाहिए.

चौथे दिन मां कुष्मांडा का भोग

चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप कुष्मांडा की पूजा होती है. इस दिन माता कुष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद चढ़ाएं.

पांचवें दिन मां स्कंदमाता का भोग

नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता को केले के फल का भोग लगाना चाहिए.

छठे दिन मां कात्यानी का भोग

नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गा के षष्टम स्वरूप मां कात्यानी की पूजा होती है. इस दिन माता रानी को शहद का भोग लगाएं.

सातवें दिन मां कालरात्रि का भोग

नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए.

आठवें दिन मां महागौरी का भोग

नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा होती है. इस दिन मां को नारियल चढ़ाना चाहिए.

नवें दिन मां सिद्धिदात्री का भोग

नवरात्रि के नौवें और आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री को देसी घी में बने हलवा-पूड़ी और खीर का भोग लगाना चाहिए.

Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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