यह धार्मिक महत्व की एक पहाड़ी, जिसे मूल चित्रकूट माना जाता है. माना जाता है यहीं भगवान राम और भरत का मिलाप हुआ था. यहीं भरत मिलाप मंदिर है
यह मंदाकिनी नदी के किनारे एक घाट है जहां भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण के साथ संत गोस्वामी तुलसीदास साक्षात्कार हुआ था.
यहां भरत ने भगवान राम से वनवास के दौरान अयोध्या के सिंहासन पर लौटने का निवेदन किया था. भगवान राम और उनके भाइयों के पदचिन्ह चट्टानों पर आज भी देखे जा सकते हैं.
इस मंदिर को 19वीं शताब्दी में विनायक राज पेशवा ने बनवाया था. मिनी खुजराहो के नाम से मशहूर गणेश बाग मंदिर कर्वी-देवांगना रोड पर स्थित है.
हनुमान धारा मंदिर एक विशाल चट्टान पर बना है जहां से चित्रकूट के शानदार दृश्य दिखाई देते हैं. हैं. कहा जाता है हनुमान जी लंका में आग लगाकर लौटने के बाद यहीं पर भगवान राम के साथ ठहरे थे.
मान्यता है कि भगवान राम और लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान यहां कुछ दिन रहे थे. गुप्त गोदावरी एक गुफा है, जिसमे दो पत्थर के सिंहासन हैं राम और लक्ष्मण के बताये जाते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार वनवास के समय भगवान राम और माता सीता इस आश्रम में सती अनुसूया के पास गए थे, यहां देवी देवताओं की अनेकों सुंदर मूर्तियां बनी हैं.
स्फटिक शिला एक छोटी सी चट्टान है, मान्यता है कि वनवास के समय माता सीता ने यहां बैठक श्रृंगार किया था. इस चट्टान में अभी भी राम के पैर की छाप है.
लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है और मान्यताओं पर आधारित है, तस्वीरों के काल्पनिक चित्रण का ZEE UP/UK हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.