बुंलदेलखंड में चित्रकूट हिंदुओं के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है. यह शहर मध्य प्रदेश के साथ भी सीमा साझा करता है.
इस शहर का वर्णन वाल्मीकि रामायण में देखने को मिलता है, चित्रकूट में कई धार्मिक दर्शनीय स्थल मौजूद है.
कहा जाता है भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान सबसे ज्यादा 14 में से 12 साल का समय यही बिताया था.
भारतीय तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी यहां पर आना खूब पसंद करते है.
कामदगिरि पर्वत की तलहटी में भगवान कामतानाथ का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है. चित्रकूट आने वाले सभी लोग यहां दर्शन करने जरूर जाते है.
लक्ष्मण पहाड़ी कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा के रास्ते पर पड़ता है. यहां पर जाने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध
धर्म और आस्था का प्रतीक रामघाट चित्रकूट धाम में मंदाकिनी नदी के तट पर बना हुआ एक प्रसिद्ध और प्राचीन सुंदर घाट है
रामघाट से 19 किलोमीटर दूर स्थित है गुप्त गोदावरी गुफा. गुप्त गोदावरी रहस्यों से भरी 900 साल प्राचीन गुफा है.
ये जगह कामतानाथ भगवान मंदिर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. हनुमान जी के दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों को 360 सीढ़ी चढ़ कर जाना होता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष का बनवास काटने के बाद जब माता सीता का त्याग कर दिया था. तब माता सीता इसी आश्रम में आकर रूकी थी.