देवी चित्रलेखा हरियाणा के पलवल स्थित खाम्बी गांव में 19 जनवरी 1997 को पैदा हुईं. शुरुआती शिक्षा गांव में ली. उनकी माता चमेली देवी और पिता तुकाराम शर्मा हैं. भाई प्रत्यक्ष शर्मा हैं.
देवी चित्रलेखा के जन्म के समय कई संत व तपस्वी ने बताया कि इस बच्ची में कुछ विशेष है.
घर आए एक संत ने कहा था, चमत्कारी बच्ची है. निकट भविष्य में एक महान प्रबुद्ध व्यक्ति के रूप में लोगों को यह आश्चर्यचकित करेगी.
देवी चित्रलेखा के दादा राधा कृष्ण शर्मा व उनकी दादी किशनादेवी अध्यात्म से प्राभवित थे.
जब देवी चित्रलेखा केवल 4 साल की थीं तो वो एक संस्था से ट्रेनिंग के लिए जुड़ी. वह संस्था है बंगाली संत श्री श्री गिरधारी बाबा की.
देवी चित्रलेखा केवल 6 साल की थीं, तब बृज के नामी संत रमेश बाबा के सत्संग में माता पिता संग वो पहुंची जहां पर उनको माइक थमाया ताकि कुछ बोल पाएं.
देवी चित्रलेखा ने तब आधा घंटा तक अपने आध्यात्मिक विचार उस सत्संग में रखे, जिनको सुनकर लोग हैरान रह गए.
इसके बाद उनके कथा और प्रवचन वह विभिन्न समारोह में जारी रहे. वृंदावन के पास तपोवन में उनकी पहली सात दिवसीय श्री भागवत कथा का आयोजन उनके गुरु ने कराया.
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