प्रेमानंद जी महाराज ने बताया है कि दांपत्य जीवन में यदि परम सुख चाहिए तो दो बातों पर विशेष ध्यान दें.
प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक इनमें पहली बात है परस्पर प्रेम और दूसरी बात है परस्पर इंद्री पर पवित्रता.
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा है कि यदि दांपत्य जीवन में प्रेम है तो किसी और की आवश्कता जीवन में नहीं पड़ेगी.
स्त्री शरीर हो या पुरुष शरीर, यदि पुरुष या स्त्री को एक दूसरे तप्ति नहीं मिलती तो पूरे संसार में किसी और से तृप्ति नहीं मिलेगी.
वहीं दूसरे उपाय की बात करें तो महाराज जी ने बताया कि पैसा नहीं बल्कि प्यार की आवश्यकता दांपत्य जीवन में होती है.
प्यार के साथ आवश्यकता पवित्रता की है. जो संबंध हुआ है कभी भी उस पर दाग नहीं लगेगा.
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा है कि यदि दांपत्य जीवन में प्रेम हो तो नमक रोटी भी खाकर आनंद आएगा.
इससे ये भी होगा कि जो संतान भविष्य में होगा वह आनंददायक व मंगलदायक ही होंगे. आपको भविष्य में संतान सुख प्रदान करेंगे.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.