धर्म की रक्षा के लिए कुरुक्षेत्र के मैदान में महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, जो 18 दिनों तक चला था.
कौरव और पांडवों के बीच हुए महाभारत के युद्ध में कई पराक्रमी योद्धाओं के बारे में आपने सुना होगा.
लेकिन इनमें कई ऐसे भी हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता है.
कौरवों के बारे में आपने सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौरवों का एक सौतेला भाई भी था. अगर नहीं जानते तो चलिए हम आपको बताते हैं.
गांधारी जब गर्भवती थीं तो धृतराष्ट्र की सेवा के लिए एक दासी रखी गई थी.धृतराष्ट्र ने उसके साथ ही सहवास कर लिया था.
दासी से एक पुत्र पैदा हुआ, जिसका नाम युयुत्सु रखा गया.
पहले उसने महाभारत का युद्ध रुकवाने का प्रयास किया. वह शुरू में कौरवों की ओर से लड़ा लेकिन युधिष्ठिर के समझाने पर पांडवों की सेना में आ गया.
युधिष्ठिर के द्वारा दी गई रसद की जिम्मेदारी को उसने सही ढंग से निभाया. युद्ध के बाद बचे 18 योद्धाओं में युयुत्सु भी था.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.