दिवाली की रात के ये ढाई मिनट होने वाले हैं बहुत खास, 400 साल बाद आया किस्मत बदलने का मुहूर्त
धनतेरस के बाद से 6 दिनों का पंच दीपोत्सव शुरू हो गया है. दिपावली का त्यौहार ही दीपों का त्यौहार कहा जाता है.
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए इस बार खास महानिशीय काल लग रहा है. जानें इस काल के बारे में.
दिपावली अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल में 2:36 घंटे का स्थिर लग्न में मुहूर्त मिलेगा.
इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए तीन और स्थिर लग्न मिलने वाले हैं. पंचांग के अनुसार दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5 बजकर 40 मिनट से लेकर 7 बजकर 36 मिनट तक है.
लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक है. शास्त्रों में लिखा गया है कि इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन कभी पैसों की कमी नहीं होती.
प्रदोष काल शाम 05:11 से 06:23 बजे तक है.
प्रातः 06:41 बजे से लेकर 08:58 तक
दिन 12:51 से 02:22 तक कुंभ लग्न
शाम 5:27 से 7:23 तक वृष लग्न
रात्रि 11:55 से 2:09 तक सिंह लग्न विद्यमान
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