दिवाली दीपों का त्योहार है. इस दिन ही भगवान राम लंका विजय के बाद अपने देश अयोध्या को वापस आए थे.
क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में रहकर भी कोई हिंदू परिवार दिवाली नहीं मनाता होगा.
पूरे देश इस दिन दीपक लगाए जाते हैं. लेकिन भारत का एक ऐसा भी गांव है, जहां दिवाली नहीं मनाई जाती है.
जी हां उत्तर प्रदेश के गोडा जिले के यादवपुरवा गांव में विगत 250 सालों से दिवाली के दिन दीया नहीं जलाया जाता है.
गांव वालों की ऐसी मान्यता है कि हमारे गांव में दिवाली मनाने से अनहोनी हो जाती है.
इस गांव के लोग इस दिन को एकदम आम दिन के तरह ही मनाते हैं. इस दिन किसी के भी घर किसी भी प्रकार का कोई उल्लास या फिर किसी तरह का पकवान नहीं बनता है.
अपने बुजुर्गों के सम्मान को बरकरार रखने के लिए यहां की भावी पीढ़ी भी इस परंपरा को सहर्ष स्वीकार कर ली है.
हालाकिं गांव की एक बुजुर्ग महिला का मानना है कि अघर दिवाली के दिन कोई नवजात शिशु या फिर कोई गाय का बछड़ा पैदा हो जाए, तो वह लोग फिर से दिवाली मनाना शुरू कर सकते हैं.