भारत में प्रभु श्री राम लोगों के दिलों में बस्ते हैं. लाखों लोग प्रभु श्री राम के भक्त हैं और अयोध्या को उनका जन्म स्थान मानते हैं.
आज भी पौराणिक दस्तावेजो में प्रभु श्री राम की मृत्यु के प्रमाण मिलते हैं कि आखिर कैसे हुई थी श्री राम की मौत.
दरअसल एक कथा के अनुसार मां सीता अपने बच्चे लवकुश को श्री राम को सौंप धरती में समा गई थी.
पत्नी के जाने से श्रीराम इतने दुखी हुए कि उन्होंने भी यमराम से आज्ञा लेकर सरयू नदी में समाधी ले ली थी.
एक बार यमराज ने प्रभु श्री राम से बात करने की इच्छा प्रकट की, जहां कोई उनकी बात न सुन सकें.
श्री राम ने इसी कारण द्वार पर लक्ष्मण जी को खड़ा कर दिया कि अंदर कोई न आए, मगर तभी वहां ऋषि दुर्वासा आ गए और लक्ष्मण जी से अंदर जाने की हट करने लगें.
ऋषि दुर्वासा के क्रोध से बचने के लिए लक्ष्मण जी अंदर दाखिल हो गए जहां श्री राम ने उन्हें दण्ड स्वरूप देश निकाला दे दिया.
इसके बाद लक्ष्मण जी ने सरयू नदी में समाधी ले ली, जिससे दुखी होकर श्री राम ने भी सरयू नदी में ही जल समाधी ले ली थी.