भारत में त्यौहारों पर पूजा के लिए, खाने के लिए और मिठाई बनाने के लिए खूब मात्रा में घी खरीदा जाता है.
अधिक मात्रा में घी की बिक्री होने की वजह से यह नकली खूब बेचा जाता है.
नकली घी खाने से शरीर को कई प्रकार के नुकसान होते हैं. इससे कई प्रकार की बीमारी होने का खतरा बना रहता है.
नकली घी खरीदने से बचने के लिए यहां जानें असली और नकली घी का फर्क.
त्यौहारों के सीजन में नकली घी असली बोलकर बेचा जाता है. इनमें हानिकारक कैमिकल का प्रयोग किया जाता है.
इस मिलावटी घी को खाने से आपकी सेहत को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं. इससे हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
यहां जानें क्या फर्क होता है असली और नकली घी में. जानें इसकी पहचान करने का आसान तरीका.
ज्यादा घी खरीदने से पहले सैंपल खरीद लें. 1 कटोरी पानी में तपा हुआ घी डालें. अगर घी पानी के नीचे बैठ जाए तो समझें ये घी नकली है.
असली घी का रंग पीला होता है. घी को ध्यान से सूंघने पर उसकी महक से पता चल जाता है कि ये असली घी है या इसमें कुछ मिलावट की गई है.
थोड़ा सा घी अपने हाथ पर लें, अगर घी तुरंत पिघल जाए को समझें ये असली घी है. नकली घी आसानी से नहीं पिघलता.
घी को पिघलाकर उसमें हल्का सा नमक मिलाएं, अगर घी का रंग पीला रहा तो समझें घी असली है. नकली घी रंग नहीं बदलता.
घी में चीनी मिलाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें, अगर घी लाल या बैंगनी रंग का हो गया तो समझें घी नकली है. इसे ना खरीदें.