बेटियों को सनातन धर्म में लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है.
घर के पूर्वज कहते हैं. जिस घर में बेटी की आवाज न गूंजे उस में कभी सुख- समृद्धि नहीं रहती है.
आज आपको बताते हैं कि कहा बेटी की शादी भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.
बेटी की शादी के दौरान इस बात का ख्याल रखना चाहिए की लड़का अवगुणी तो नहीं है.
बेटी के शादी के समय इस बात ध्यान रखना जरुरी है कि बेटी के ससुराल वाले ज्यादा लालची न हों
बेटी की शादी कभी भी नजदीक नहीं करनी चाहिए. इससे घर और ससुराल के रिश्तों में खटास आती है.
बेटी के शादी के दौरान इस बात पर जरुर ध्यान दे कि बेटी की शादी बहुत बड़े घर में नहीं करना चाहिए.
यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.