इनकम टैक्स को लेकर आयकर विभाग लगातार आयकर दाताओं से अपील कर रहा है कि वो 31 जुलाई से पहले आईटीआर भर दें
पुरुष और महिलाएं जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये की सीमा से ऊपर है, उन्हें आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य है.
लेकिन सवाल उठता है कि क्या किन्नरों को भी टैक्स भरना पड़ता है या उन्हें कोई खास छूट मिलती है.
किन्नरों के पास उन्हें शादी-ब्याह जैसे संस्कारों में मिला लाखों रुपये का सोना-चांदी का गहना होता है.क्या उसे भी आईटीआर में बताना जरूरी होता है.
रिटर्न दाखिल करने के ऑनलाइन पोर्टल पर अब थर्ड जेंडर का विकल्प भी दिया गया है. ऐसे में किन्नर इस श्रेणी के तहत आईटीआर भर सकते हैं.
किन्नरों को आयकर में किसी तरह की विशेष छूट नहीं दी जाती है. यानी सामान्य पुरुषों-महिलाओं के बराबर ही छूट उन्हें मिलती है.
किन्नरों के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड में विशेष प्रावधाों से टैक्स रिटर्न, बैंक, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी चीजों के लिए दिक्कतें नहीं होती हैं.
सुप्रीम कोर्ट के 2014 के फैसले के अनुसार, किन्नर थर्ड जेंडर के तहत केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं के भी पात्र हैं. आरक्षण के भी हकदार हैं.
प्रापर्टी, मकान या विरासत में मिली संपत्ति के मामले में भी किन्नर को किसी तरह की खास छूट का प्रावधान आयकर कानून में नहीं है.
पहले दिक्कत थी कि किन्नरों के आधार कार्ड में तो ट्रांसजेंडर लिखा होता है, लेकिन पैन में पुरुष या महिला के तौर पर ही आवेदन करना पड़ता था.अब ये गलती सुधार ली गई है.
60 साल से कम आयु के व्यक्तियों के लिए कर छूट सीमा 2.5 लाख, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3 लाख और 80 साल से ऊपर के लिए 5 लाख है.
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