यूपी का हरदोई जिला काफी चीजों को लिए जाना जाता है. हरदोई यूपी का दूसरा सबसे बड़ा जिला है.
हरदोई जिले से होकर कई नदियां गुजरती हैं. क्या आप जानते हैं इस शहर को पहले किस नाम से जाना जाता था.
अगर आप नहीं जानते तो हम आपको बताएंगे कि हरदोई का पुराना नाम क्या था. बता दें कि इस जिले का पुराना नाम हरिद्रोही था.
हरदोई का नाता हिरण्यकश्यप से कहा जाता है. धार्मिक मान्यताअनुसार इस जिले का राजा हिरण्यकश्यप था.
पौराणिक कथाओं में जिक्र है कि एक बार भक्त प्रहलाद की हिरण्यकश्यप से रक्षा के लिए भगवान विष्णु नरसिंह के रूप में अवतरित हुए, तो वामन अवतार में उन्होंने राजा बलि से दान में मिली तीन पग जमीन में पूरी पृथ्वी को नापा था.
होलिका दहन की परम्परा भी हरदोई से ही शुरू हुई थी.
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान माधौगढ़ रुइया गढ़ी के नरपति सिंह (Narpati Singh) ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर हरदोई में आजादी की अलख जलायी थी.
हरदोई में मुगल काल में 1680 में बनवाया गया नवाब दिलेर खान का मकबरा है, जहां आज भी सैकड़ों साल पुराना इतिहास दफन है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में घूमने लायक कई जगहें हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख जगहें ये हैं.
बाबा मंदिर:यह ऐतिहासिक मंदिर प्रहलाद घाट के पास है, नकटिया देवी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, यह मंदिर सूरज कुंड तालाब के पास है. आस्तिक मुनि महाराज-यह एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, प्रह्लाद घाट, राजा नरपत सिंह स्मारक,संकट हरण मंदिर,रौज़ा सदर जहाँ पिहानी,धोबिया आश्रम और हत्या हरण तीर्थ है.
हरदोई में महेशन मढिया गांव एक टीले पर एक चमत्कारी शिव मंदिर है.इस मंदिर का इतिहास करीब 700 साल पुराना है.
स्पष्ट कर दें कि यहां पर कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.