सुपरफास्ट ट्रेन में क्यों होते हैं लाल रंग के कोच, जानें हैरान करने वाली वजह

Shailjakant Mishra
Sep 12, 2024

रेलवे

ट्रेन से आपने एक न एक बार सफर जरूर किया होगा. लंबे सफर के लिए इसे बेहतर विकल्प माना जाता है.

भारत की लाइफलाइन

ट्रेन को भारत की लाइफलाइन कहा जाता है. भारतीय रेलवे की गिनती दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में होती है.

कोच

ट्रेन से सफर किया हो तो देखा होगा कि ट्रेन के कोच में लाल, नीले और हरे रंग के कोच लगे होते हैं.

क्या कहते हैं?

लाल रंग के कोच को LHB यानी लिंक हॉफमैन बुश कहा जाता है.

पंजाब में फैक्ट्री

साल 2000 में इन कोच को जर्मनी से भारत लाया गया. पंजाब में इनकी फैक्ट्री है.

कितनी सीटें

लाल रंग के स्लीपर कोच में 80 सीटें होती हैं. जबकि एसी-3 में 72 सीटें होती हैं.

स्पीड

इन कोच की मैक्सिमम पर्मिसिबल स्पीड 200 किलोमीटर प्रतिघंटा और ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा है.

किससे बने होते हैं कोच

ये कोच स्टेनलेस स्टील से बने होते हैं. साथ ही इनमें डिस्क ब्रेक का भी इस्तेमाल किया जाता है.

ज्यादा सेफ

ये बफर काउलिंग सिस्टम से लैस होते हैं, जिसके चलते एक्सीडेंट की स्थिति में ये कोच एक दूसरे पर नहीं चढ़ते.

ज्यादा स्पीड

ये नीले रंग की तुलना में ज्यादा सेफ होते हैं.कम वजन होने के चलते स्पीड ज्यादा होती है, इसके चलते सुपरफास्ट ट्रेन में इस्तेमाल किया जाता है.

VIEW ALL

Read Next Story