देशभर में विजयदशमी का त्योहार 24 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.
लेकिन क्या आपको मालूम है कि देश में ऐसी भी जगह हैं, जहां दशहरा पर रावण नहीं जलाया जाता है, इसके पीछे अलग-अलग मान्यताएं और मिथक प्रचलित हैं.
यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले के बिसरख गांव में रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है. यहां के लोग रावण को अपना पूर्वज मानते हैं.
हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के बैजनाथ कस्बा में भी रावण का पुतला नहीं जलाते हैं. मान्यता है कि रावण का दहन करने से उसकी मौत हो सकती है.
राजस्थान के जोथपुर जिले में मंदोदरी जगह है, माना जाता है कि यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था. यहां भी रावण का पुतला नहीं जलाते हैं.
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले का चिखली गांव भी दशहरा नहीं मनाता है. यहां रावण दहन की जगह उसकी पूजा होती है. कहा जाता है कि ऐसा नहीं करने पर गांव जलकर राख हो जाएगा.
महाराष्ट्र के अमरावती जिले में गढ़चिरौली जगह है. यहां रावण और उसके पुत्र को देवता मानते हैं. इसी वजह से यहां रावण के पुतले का दहन नहीं करते हैं.
कर्नाटक के मंडया जिले में रावण का मंदिर बना हुआ है. यहां भी रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाता है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आंध्रप्रदेश के काकिनाडा में शिवलिंग के पास रावण की प्रतिमा स्थापित है. यहां भी रावण का पुतला नहीं जलाया जाता है.