उनको याद करके रो रहे हैं,बिछड़ते वक्त रोना चाहिए था, फहमी बदायूनी के बेहतरीन शेर

Shailjakant Mishra
May 07, 2024

अचानक आ गया वो सामने अचानक दुनिया गायब हो गई

मैंने गिनती सिखाई जिसको वो पहाड़ा पढ़ा रहा है मुझे

ख़ुशी से कांप रही थीं ये उंगलियां इतनी डिलीट हो गया एक शख़्स सेव करने में

परेशान है वो झूठा इश्क़ करके वफ़ा करने की नौबत आ गई है

ख़ून पिला कर जो शेर पाला था उसने सर्कस में नौकरी कर ली

तुम्हें बस ये बताना चाहता हूं, मैं तुम से क्या छुपाना चाहता हूं कभी मुझ से भी कोई झूठ बोलो, मैं हाँ में हाँ मिलाना चाहता हूं

अब उनको याद करके रो रहे हैं बिछड़ते वक्त रोना चाहिए था

मैंने उस की तरफ़ से ख़त लिखा और अपने पते पे भेज दिया

पूछ लेते वो बस मिज़ाज मेरा कितना आसान था इलाज मेरा

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