रामायण में कई पात्र ऐसे थे जिनके बारे में अक्सर चर्चा होती रहती है. उन्ही में से एक थी स्लोचना
स्लोचना रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी थी. स्लोचना के नाम की गिनती हिंदु धर्म की पतिव्रता और सती स्त्रियों में भी होती है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जता है कि स्लोचना का विवाह स्वर्ग के राजा इंद्र के साथ तय हुआ था.
लेकिन जब रावण के पुत्र ने इंद्र को हराकर स्वर्ग जीत लिया और वह इंद्रजीत कहलाने लगा तो स्लोचना के मन में इंद्रजीत के लिए प्रेम उत्पन्न हो गया.
सुलोचना की एक बहन थी जिसका नाम सुनयना था. ये दोनों सगी बहने थी. सुलोचना का ही एक अन्य नाम प्रमीला भी है.
मान्यताओं के अनुसार स्लोचना लक्ष्मण जी की बेटी थी, और मेघनाद लक्ष्मण जी का दामाद था.
लक्ष्मण स्वयं शेषनाग के अवतार थे, व सुलोचना शेष जी के नेत्रों के अश्रु से उत्पन्न कन्या थी. इसलिये एक तरह से सुलोचना लक्ष्मण की पुत्री हुई.
स्लोचना की बहन सुनयना का विवाह मिथिला की राजा जनक से हुआ था. वहीं नागों के बीच पली स्लोचना का विवाह मेघनाद के साथ हुआ