ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 5 जून की रात 7:54 मिनट पर हो होगा. लेकिन उदयातिथि की मान्यता के अनुसार 6 जून को ही अमावस्या तिथि मानी जाएगी.
आज के दिन क्या कार्य करने से पितृदोष से आपको मुक्ति मिल सकती है और ग्रह दोष दूर हो सकते हैं, इसकी जानकारी हम आपको देंगे.
किसी तीर्थ स्थल पर जाने में असमर्थ है तो घर में ही स्नान के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए और सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए
ग्रहों के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए ज्येष्ठ अमावस्या के दिन आपको गौ माता को दही और चावल का भोग लगाना चाहिए.
अमावस्या के दिन लाल रंग का मोटा धागा लेकर गले में पहनें और उसे अगली अमावस्या तक पहने रखें. अगली अमावस्या को धागा अपने गले से निकालकर रात के समय घर से बाहर कहीं विराने में गड्ढा खोदकर दबा दें.
आज 8 कागजी बादाम और 8 काजल की डिबिया लेकर रात के समय उन्हें एक काले कपड़े में बांध कर अपनी पैसों की अलमारी या तिजोरी के नीचे रख दें. दूसरे दिन उस काले कपड़े को पानी में बहा दें.
आज थोड़ा-सा दूध लेकर उसमें एक चुटकी शक्कर मिलाकर किसी कुएं में डाल दें. अगर कुआं न मिले तो घर के बाहर कच्ची मिट्टी में दूध डाल दें और उसके ऊपर थोड़ी-सी मिट्टी डाल दें. इसे आपका रिश्ता अच्छा होगा.
कुमित्र से पीछा छुड़ाने के लिये आज शाम के समय एक रोटी लेकर उस पर सरसों का तेल डालकर दूसरी रोटी की सहायता से चुपड़ दें और तेल चुपड़ी दोनों रोटियों को काले कुत्ते को डाल दें. इससे आप बुराई करने वाले लोगों से छुटकारा पा सकते है.
आज शाम के समय एक नींबू लेकर उसके चार अलग-अलग टुकड़े कर दें और किसी चौराहे पर जाकर चुपचाप चारों दिशाओं में एक-एक नींबू का टुकड़ा फेंक दें. अगर आप पहले से कोई नौकरी कर रहे हैं तो आपको नौकरी में प्रमोशन मिलेगा.
आज 5 लाल फूल और तेल के 5 दीपक जलाकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें. अगर ये उपाय आप शाम को दिन छिपने के बाद करें, तो और भी अच्छा है. आज ऐसा करने से आपके परिवार की खुशियां बरकरार रहेंगी.