गिलोय में कई केमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं जो इसे औषधीय गुणों वाला बनाते हैं.
गिलोय में एल्कलॉइड्स, ग्लूकोसाइड्स, टैनिन के साथ ही कई और कंपाउंड्स पाए जाते हैं जिससे ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं.
इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में गिलोय काम करता है, इससे इन्फेक्शन से लड़ने में भी मदद मिलती है. मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी, जुकाम, बुखार से राहत मिलती है.
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरा होता है जिससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है. गिलोय गठिया जोड़ों के दर्द व अन्य सूजन संबंधी दिक्कतों के लिए रामबाण है.
एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों वाला गिलोय फ्री रेडिकल से लड़ता है और सेल्स को डैमेज होने से बचाता है. जल्दी बुढ़ापा आने से भी रोकता है.
डायबिटीज कंट्रोल करने में गिलोय माहिर है. यह ब्लड शुगर के स्तर को काबू में कर सकता है. जिससे टाइप-2 डायबिटीज मैनेज हो पाता है.
हेल्दी लिवर के लिए गिलोय अच्छा ऑप्शन हो सकता है. लिवर के काम करने की क्षमता बढ़ाकर इसे टॉक्सिन्स से बचाने में मदद करता है.
दुरुस्त पाचन में गिलोय मदद कर सकता है और कब्ज व अपच को दूर रखता है. गिलोय का काढ़ा ठंड के मौसम में फायदेमंद होता है.
गिलोय का जूस, गिलोय की चूर्ण, गिलोय की जड़ का अलग अलग तरह से सेवन किया जाता है. इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
गिलोय आम तौर पर सुरक्षित माना गया है लेकिन गर्भवती और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाएं गिलोय से परहेज करें. कोई बीमारी या दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें.
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह व सुझाव केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है. इन्हें पेशेवर चिकित्सा की सलाह के तौर पर न लें. कोई भी सवाल या परेशानी होने पर हमेशा अपने डॉक्टर और एक्सपर्ट से सलाह लें.