यूपी ही नहीं, ये है दुनिया का सबसे बड़ा मदरसा

Rahul Mishra
Nov 05, 2024

दारुल उलूम मदरसा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद कस्बे में दारुल उलूम मदरसा स्थित है.

स्थापना

इसकी स्थापना साल 1866 में पहल स्वतंत्रता संग्राम विफल होने के बाद की गई थी.

आधारशिला

इस मदरसे की आधारशिला हाजी आबिद हुसैन, मौलाना क़ासिम नानौतवी, फजलुर्रहमान, उस्मान, मेहताब अली, निहाल अहमद और जुल्फिकार अली ने मिलकर रखी थी.

पहला उस्ताद और छात्र

दारुल उलूम के पहले उस्ताद मुल्ला महमूद तो वहीं पहले छात्र मौलाना महमूदुल हसन थे. जिन्होंने बाद में मिलकर रेशमी रुमाल आंदोलन चलाया था.

लक्ष्य

इसका लक्ष्य स्वतंत्रता संग्राम के लिए भारतीय मुसलमानों को प्रेरित करने के साथ उन्हें धार्मिक शिक्षा देना था.

क्या पढ़ाया जाता है

दारुल उलूम देवबंद मदरसे में छात्रों को इस्लाम धर्मशास्त्र, हदीस, कुरान व्याख्या, अरबी भाषा और साहित्य के साथ-साथ कई अन्य विषयों को भी पढ़ाया जाता है.

कितने छात्र और अध्यापकक्या पढ़ाया जाता है दारुल उलूम देवबंद मदरसे में छात्रों को इस्लाम धर्मशास्त्र, हदीस, कुरान व्याख्या, अरबी भाषा और साहित्य के साथ-साथ कई अन्य विषयों को भी पढ़ाया जाता है.

फिलहाल मदरसे में तकरीबन 40 हजार छात्र तो वहीं लगभग 2000 उस्ताद हैं.

अनुदानित मदरसे

वहीं यूपी में आज की तारीख में 560 अनुदानित मदरसे हैं. जहां तकरीबन 9500 अध्यापक छात्रों को तालीम देते हैं.

यूपी में कितने मदरसे

आपको बता दें कि आज यूपी में कुल मिलाकर तकरीबन 16 हजार मदरसे हैं. जिनमें लगभग 13 लाख 57 हजार छात्र पढ़ते हैं.

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