यूपी के फतेहपुर में बसा शिवराजपुर गांव का इतिहास 5 हजार साल पुराना है. गांव को छोटी काशी भी कहा जाता था.
गंगा के किनारे बसे इस गांव में शिवराजपुर गांव भृगु, दुर्वासा ऋषि जैसे ऋषि मुनियों, विद्वानों आगमन तो होता ही था.
यहां के मंदिरों में प्राचीन नक्काशी देखी जा सकती है. यहां आपको कदम कदम पर शिवमंदिर दिख जाएंगे. हालांकि, कृष्ण मंदिर भी बहुत हैं.
15वीं शताब्दी में भगवान श्रीकृष्ण की प्रेम दीवानी मीरा ने मीरा शिवराजपुर में कार्तिक पूर्णिमा के भव्य मेले के समय आई थीं.
यहां कार्तिक पूर्णिमा इतना बड़ा मेला हुआ करता था कि मेले में जनसैलाब उमड़ता था.
मीरा यहां 3 दिन रुकी और गिरधर गोपाल के मंदिर की स्थापना कराई और फिर बनारस चली गईं.
इस धरती पर रसिक बिहारी जी का भव्य मंदिर है लेकिन प्रशासन की अनदेखी में मंदिर जीर्णशीर्ण हो रहा है.
कहते हैं कि इस गांव में बिठूर, कन्नौज और प्रयागराज से व्यापार हुआ करता था. व्यापारियों के आकर्षण का केंद्र रहा है.
शिवराजपुर गंगा व यमुना के बीच व्यापार का मुख्य केंद्र था.