उत्तर प्रदेश का एक जिला गोण्डा (Gonda) है. इसके पूरब में बस्ती, पश्चिम में बहराईच, उत्तर में बलरामपुर और दक्षिण में अयोध्या व बाराबंकी जिला लगता है.
इस जिले का इतिहास बेहद ही गौरवशाली रहा है. आज भी यह जिला अपने ऐतिहासिक गौरव को संजोये हुए है. गोण्डा का प्राचीन नाम गोनार्द हुआ करता था
असल में यह जिला भगवान राम (Lord Ram) की धरती अयोध्या से सटा हुआ है. मान्यता है कि यहां सतयुग में भगवान विष्णु ने वाराह अवतार के रूप में प्रकट हुए थे.
वैसे तो जिले की प्राचीनता त्रेतायुग तक मानी जाती है, लेकिन लिखित इतिहास के रूप में 400 साल पहले राजा मानसिंह ने इस नगर की स्थापना की थी.
ये तो बात हो गई अयोध्या और इतिहास से जुड़े गोण्डा की. अब बात करते हैं एक और गोंडा की. जी हां यूपी में दो गोण्डा हैं.
तालानगरी अलीगढ़ में गोंडा है. गोंडा, अलीगढ़ ज़िले का एक ब्लॉक (प्रखंड) मुख्यालय है.
यह दो ग्राम पंचायतों का संयुक्त नाम है, जिनके नाम नगला सबल उर्फ गोंडा और नगला दरबार हैं.
गोंडा से अलीगढ़ तक की दूरी करीब 21 किमी है. गोंडा से अलीगढ़ की सड़क को गोंडा-अलीगढ़ रोड कहा जाता है.
यह सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है और मथुरा-राया-गोराई-अलीगढ़ और आगरा-हाथरस-इगलास-खैर-दिल्ली मार्ग का एक जंक्शन है.
अलीगढ़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से 23 किमी और ताज एक्सप्रेसवे से 41 किमी की दूरी पर टप्पल में है.
गोंडा में अच्छी दुकानें और शोरूम हैं. टॉपक्लास स्वीट सेंटर, राष्ट्रीयकृत बैंक,पेट्रोल/डीजल पंप और तीन कोल्ड स्टोरेज हैं. यहां इंडियन ऑयल गैस एजेंसी भी है. गोंडा में तीन कॉलेज हैं.
गोंडा के नजदीक अलीगढ़ ही है, जहां पर यहां के किले, बाजार, एएमयू घूम सकते हैं. आगरा, हाथरस,मथुरा और नोएडा भी नजदीक ही हैं.
स्पष्ट कर दें कि यहां पर कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.