यूपी में एक्सप्रेसवे लगातार बन रहे हैं और कई नए एक्सप्रेसवे का काम जारी है. इसके साथ ही पहले से बने हुए एक्सप्रेसवे को भी जोड़ा जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. पिछले कुछ सालों में सरकार ने यूपी में 15 एक्सप्रेसवे शुरू किए हैं.
सरकार ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे बनाने का फैसला किया है.
गोरखुपर शामली एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 35000 करोड़ रुपये हैं. इसके निर्माण के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें करेंगी.
उत्तर प्रदेश में आज छह से अधिक एक्सप्रेसवे (ईवे) हैं. लिंक एक्सप्रेस वे और संपर्क ईवे के जरिये छोटे जिलों को भी बड़े ईवे के साथ जोड़ा जा रहा है.
यह एक्सप्रेसवे संतकबीरनगर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, हरदोई, बदायूं, बिजनौर, अमरोहा,रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली को जोड़ेगा.
ये एक्सप्रेसवे 700 किमी लंबा होगा. एक्सप्रेस वे के बनने से लोगों को सुविधा के साथ समय की भी बचत होगी.
शामली से गोरखपुर पहुंचने में करीब 15 घंटे लगते हैं. इसके बनने से शामली से लखनऊ पहुंचने से लगभग 8 घंटे लगेंगे.
गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी गंगा एक्सप्रेस से होगी, जो 594 किमी का एक्सप्रेसवे है. शामली से ये एक्सप्रेसवे शामली अंबाला एक्सप्रेव से जुड़ेगा.
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के बनने से न सिर्फ यूपी बल्कि हरियाणा, पंजाब और दिल्ली को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
यह एक्सप्रेसवे संतकबीरनगर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, हरदोई, बदायूं, बिजनौर, अमरोहा,रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली को जोड़ेगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को इमरजेंसी एक्सप्रेसवे के तौर पर डेवलप किया जाएगा. इस पर हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी, जिससे आपात स्थिति में यहां पर हवाई जहाज भी उतारे जा सकें.
गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके दोनों ओर हजारों पेड़ और झाड़ियां लगाई जाएंगी.