गुलमोहर के पौधे को सामन्यत: लोग सजावट और फूलों के लिए ही इस्तेमाल करते हैं लेकिन स्वास्थ्य के नजरिए से भी इसके कई अहम गुण हैं.
आयुर्वेद में गुलमोहर के फूल को काफी असरदार औषधि माना जाता है और इसके पेड़ की छाल, पत्तियां और फल को भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
गुलमोहर के पेड़ में फूल अप्रैल और मई के महीने में लगते हैं और नवंबर के आसपास इसकी पत्तियां पीली होकर गिर जाती हैं. कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में भी गुलमोहर के फूल, तने, पत्तियों और फल का इस्तेमाल किया जाता है.
आयुर्वेद में गुलमोहर के औषधीय इस्तेमाल के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसका इस्तेमाल लोग पुराने समय से करते आ रहे हैं. आइये जानते हैं गुलमोहर के फल, फूल, तने और पत्तियों के आयुर्वेदिक इस्तेमाल के बारे में.
एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सिडेंट, कार्डियो-प्रोटेक्टिव, गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव और घाव भरने के औषधीय गुण पाए जाते हैं.
गुलमोहर की पत्तियों में अतिसार-रोधी, हेपेटोप्रोटेक्शन, फ्लेवोनोइड्स और एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं.
गुलमोहर के तने की छाल में खून को बहने से रोकने के गुण, मूत्र और सूजन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं.
आयुर्वेद में गुलमोहर के फूल को काफी असरदार औषधि माना जाता है और इसके पेड़ की छाल, पत्तियां और फल को भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.