भगवान शिव ही सृष्टि के नियंत्रक हैं. विशेषकर सोमवार के दिन इनकी पूजा से नवग्रहों की शांति की जा सकती है.
सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है. इस ग्रह की कृपा और शुभ फल पाने के लिए आप शिवलिंग पर लाल चंदन का लेप करें या तिलक लगाएं. इससे आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होगा.
चंद्रमा मन का कारक होता है. अगर आपकी कुंडली में चंद्र देव कमजोर स्थिति में हैं तो शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं. इससे चंद्रमा की स्थिति अच्छी होगी. आपकी सेहत ठीक रहेगी साथ ही ऐसा करने से मानसिक शांति भी बनी रहेगी.
इस ग्रह को सभी ग्रहों का सेनापति कहा जाता है. इसकी मजबूत स्थिति आपको साहसी और ऊर्जावान बनाती है. इस ग्रह की शांति के लिए आप शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करें या फिर पंचामृत चढ़ाएं. इससे मंगल देव की कृपा आपके जीवन में बनी रहेगी.
इस ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है. बुध देव को प्रसन्न करने के लिए आप शिव जी की पूजा में बिल्व पत्र एवं दूर्वा का प्रयोग जरूर करें. कुंडली में बुध ग्रह की मजबूत स्थिति से आपको सामाजिक मान सम्मान मिलता है,व्यापार अच्छा चलता है.
ज्योतिष में गुरु ग्रह को भाग्य और धन का कारक माना जाता है. इस ग्रह की शांति के लिए भीगी हुई चने की दाल एवं पीले पुष्प शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. जीवन में यदि आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा,आर्थिक परेशानियां हैं तो इसका मतलब बृहस्पति ग्रह कमजोर स्थिति में है, ऐसे में यह उपाय करने से लाभ मिलेगा.
शुक्र देव आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, धन, प्रेम और वैभव के कारक हैं. इस ग्रह के कमजोर होने से जीवन में सुख नहीं मिलता. इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आपको शिवलिंग का दही-बूरा से अभिषेक करना चाहिए.
शनि देव न्याय के देवता माने जाते हैं. यह कर्म के अनुसार जातक को फल देते हैं. कुंडली में इनकी स्थिति मजबूत करने एवं इनकी कृपा पाने के लिए पूजा के बाद शिवजी की आरती धूप बत्ती से करनी चाहिए.
कुंडली में राहु की शुभ स्थिति होने पर उच्च पदों की प्राप्ति होती है. वहीं, कुंडली में केतु शुभ भाव में बैठते हैं तो व्यक्ति को जीवन में मान-सम्मान, धन और संतान की प्राप्ति होती है. कुंडली में राहु केतु की स्थिति को शुभ करने के लिए शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें. साथ ही भांग धतूरा अर्पित करें.