हाथरस के इतिहास की बात करें तो यह सदियों पुराना है. यहां पर जाट कुशल गुप्त साम्राज्य और मराठा शासकों ने शासन किया है. यहां पर घूमने फिरने के लिए कई सारी जगहें हैं.
यूपी का हाथरस शहर 'हींग' के लिए मशहूर है तो हास्य कवि काका हाथरसी के लिए भी जाना जाता है.
मां कंकाली देवी मंदिर हाथरस के सबसे मशहूर है. इस मंदिर को लेकर राजस्थान में भी बड़ी मान्यता है. ऐसी मान्यता है कि आप जो भी मनोकामना यहां पर मांगते हैं पूरी होती है. यहां पर माता काली की प्रतिमा मौजूद है जो बहुत ही भव्य है. इस मंदिर में हनुमान जी, शंकर जी, माता सीता, राम जी, शीतला देवी के दर्शन किए जा सकते हैं।
हाथरस में यह जगह जैन धर्म के लिए काफी खास है. ये हाथरस मुख्यालय से 19 किलोमीटर दूर है. ये अलीगढ़ में है. यहां के मेन गेट का नाम सिंह द्वार है.
हाथरस में दाऊजी महाराज मंदिर है. यह मंदिर करीब 275 साल पुराना है. यह हर साल लक्खी मेला लगता है. दाऊजी महाराज भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई हैं. बताया जाता है कि अंग्रेज इस मंदिर को नष्ट करना चाहते थे और उन्होंने इस मंदिर पर तोप के गोले दाग दिए थे लेकिन मंदिर के गुंबद का कुछ नहीं बिगड़ा
यह मंदिर हाथरस में हाइवे रोड के पास है. इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग हैं. महाशिवरात्रि के समय पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.
हाथरस में मुरसान का किला भी मशहूर पर्यटन स्थल है. यहां पर आपको किले के खंडहर के अवशेष देखने को मिलेंगे. इस किले का निर्माण राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने कराया था. अगर आप प्राचीन किले देखने की शौकीन है तो आपको यह किला जरूर देखना चाहिए.
हाथरस में बौहरे देवी मंदिर काफी मशहूर है. ये मंदिर मथुरा हाथरस हाइवे पर सड़क किनारे स्थित है. इसका परिसर काफी अच्छा है.
हाथरस में एक प्रसिद्ध सूफी संत हसन शाह बिलाली दरगाह भी मौजूद है. यह यहां का प्रमुख आकर्षक स्थल है. इस दरगाह पर लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. यह दरगाह हाथरस में सासनी तहसील में बनी है.
हाथरस में किले वाली माता हाथरस का एक मंदिर है. इसकी मान्यता बहुत है. आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं. यह मंदिर एक टीले पर बना हुआ है.
हाथरस भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का एक ज़िला है. जिले का मुख्यालय हाथरस है और यह अलीगढ़ मण्डल का एक हिस्सा है. इस जिले का कुल क्षेत्रफल 1840 वर्ग किमी है.
2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 15 लाख 65 हजार है.
हाथरस जिला पंचायत में कुल 658 गांव हैं. हाथरस की आबादी में 13.54% फीसदी हिस्सा मुस्लिमों का है. हाथरस में 19,365 मुसलमान रहते हैं.
यह जिला हींग के लिए भी प्रसिद्ध है. हाथरस पिछले 100 सालों से हींग या हींग का बड़े पैमाने पर उत्पादन करता रहा है. इसने जिले को एक अलग पहचान दी है. कच्चा हींग मुख्य रूप से अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से आयात किया जाता है.