हाथरस हादसे के बाद से फरार सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि का पाखंड खुलने लगा है. नारायण साकार उर्फ भोले बाबा अपने आश्रम में 8 हैंडपंप लगवा रखा था. इसे जादुई हैंडपंप बताता था. दावा करता था कि ये पंप रोग निवारण शक्ति हैं, जिसके पानी को पीने से लोग ठीक हुए हैं. तो आइये जानते हैं बाबा के 10 पाखंड जिससे बड़ी आसानी से वह लाखों भक्तों के आंख में धूल झोंकने में कामयाब हो जाता था.
नारायण साकार हरि अपने कैसरगंज आश्रम में 8 हैंडपंप लगवा रखा था. इन हैंडपंप की भक्त पूजा करते थे. जब भी बाबा के आश्रम में लोग सत्संग या बिना बाबा की मौजूदगी में आते हैं तो इसी हैंडपंप का पानी पीते हैं और उसके बाद इसे बाबा का आशीर्वाद समझकर वापस चले जाते हैं.
नारायण साकार हरि अपने आपको सुदर्शन चक्र धारण करके खुद को भगवान विष्णु का अवतार बताता था. इतना ही नहीं सत्संग में बाबा लाखों की भीड़ की आंखों में धूल झोंककर सुदर्शन चक्र अपनी अंगुलियों में चलाता था. हादसे के बाद से सुदर्शन चक्र लिए भोले बाबा का वीडियो भी वायरल हो रहा है.
साकार हरि अपने सत्संगों में दावा करता था कि उसके पास चमत्कारिक शक्तियां हैं. वो मृत लोगों को जिंदा कर सकता है.
खुद को संत कहने वाला भोले बाबा डिजाइनर थ्री पीस सूट, ब्लैक चश्मा पहनता है. हर सत्संग में VVIP टॉयलेट और एसी वाले वेटिंग रूम की व्यवस्था होती है.
बाबा अपने सत्संगों में आर्टिफिशियल बिजली की गर्जना कराकर लाखों भक्तों को गुमराह करता था.
साकार हरि बाबा चमत्कारी पानी से दुनिया की कैंसर जैसी बीमारी तक को ठीक करने का दावा करता था.
साकार हरि बाबा अपने सत्संग में भूत भगाने का भी दावा करता था. इसके चलते बड़ी संख्या ग्रमीण एकत्रित होते थे.
साकार हरि बाबा के हर सत्संग में एक 200 मीटर की रंगोली बनाई जाती है, जो दो टन बुरादे से तैयार की जाती थी.
साकार बाबा हर मंगलवार रंगीन चश्मा को पहनता था. इसी चश्मे से भक्तों को दिव्य दृष्टि से ठीक करने का करता दावा था.
नीले रंग के चश्मे से बीमार लोगों को दिव्य दृष्टि डालकर ठीक करने का करता दावा था. हरे रंग के चश्मे से भूत प्रेत उतारने का दावा करता था.