श्मशान घाट में पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखा जाता, गरुड़ पुराण में बताई गई वजह

Jul 05, 2024

16वां संस्कार अंतिम संस्कार

हिंदू धर्म में व्यक्ति की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है. हिन्दू धर्म में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं जिनमें से 16वां संस्कार अंतिम संस्कार होता है.

13 दिनों तक कई धार्मिक कर्मकांड

मरने वाली की आत्मा की शांति के लिए 13 दिनों तक कई धार्मिक कर्मकांड किए जाते हैं.

शरीर को कष्ट

हिंदू धर्म और गरुण पुराण के अनुसार माना गया है कि दाह संस्कार के बाद शरीर के नष्ट हो जाने के बाद भी आत्मा होती है.

आत्मा को शांति

ऐसा माना जाता है कि इसके बाद ही उसकी आत्मा को शांति मिलती है. इसका पूरा वर्णन गरुड़ पुराण में मिलता है.

आत्मा को परेशानी

गरुड़ पुराण के मुताबिक यदि श्मशान से जाते समय पीछे मुड़कर देखा, जाए तो इससे आत्मा को परलोक जाने में परेशानी होती है.

आत्मा का परिवार के प्रति लगाव

जिसका कारण यह है कि आत्मा का परिवार के प्रति उसे दूसरे लोक में जाने से रोकता है.

पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए

इसलिए यह कहा जाता है कि अंतिम संस्कार के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए.

सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कभी भी सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार नहीं किया जाता. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा करने पर आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती.

पवित्र और शुद्ध

गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि शव का अंतिम संस्कार हो जाने के बाद घर को धार्मिक रूप से पवित्र और शुद्ध करना जरूरी है.

श्मशान घाट में महिलाएं

वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, श्मशान घाट में महिलाओं के जाने की भी मनाही होती है.

आत्मा को शांति

गरुण पुराण में कहा गया है कि अगर मृत शरीर को अग्निदाह देते हुए कोई रोता है, तो इससे व्यक्ति की आत्मा को शांति नहीं मिलती.

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