भारत में सबसे ज्यादा उगाए जाने वाले सबसे पुराने पेड़ों में से एक गुलमोहर है. इसे फायर ट्री के नाम से भी जाना जाता है.
फूल गुलमोहर का फूल में घाव भरने के औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते है.
इसकी पत्तियों में अतिसार-रोधी और एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं होते है जो कई बीमारियों का इलाज है.
गुलमोहर के तने की छाल में खून को बहने से रोकने के गुण, मूत्र और सूजन से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं
गुलमोहर फूल को सुखाकर इसका चूर्ण बना लें और रोज 2 से 4 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर खाए. ऐसा करने से पीरियड्स के दौरान होने वाले
गुलमोहर की पत्तियों के चूर्ण का इस्तमाल बाल झड़ने की समस्या को रोकने में किया जाता है. हफ्ते में दो बार इसका इस्तमाल करना लाभदायक है.
गुलमोहर के तने की छाल के चुर्ण का सेवन दस्त या डायरिया की समस्या से निजाद पाने के लिए करना चाहिए
गुलमोहर के पत्तों का चूर्ण गठिया की दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है
बवासीर की समस्या होने पर आप इसके पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं, इस परेशानी में गुलमोहर का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है
गुलमोहर की पत्तियों को पीसकर पाउडर बना लें और इसे गर्म पानी में मिलाकर सिर पर लगाए इससे परेशानी दूर जाती है.