आजकल निजी जिंदगी में रिश्तों की जटिलताएं बढ़ गई हैं. ऐसे में चाणक्य नीति सही राह दिखाती है.
आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर कुछ सलाह दिए हैं.
चाणक्य ने बताया है कि पत्नी की असल परीक्षा सिर्फ एक वक्त में होती है और आपको बार-बार टेस्ट करने की जरूरत नहीं.
अगर आपके मन में संदेह है कि आपकी पत्नी कैसी है? उनका कैरेक्टर जानना है, तो इसके लिए एक वक्त बेस्ट है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पत्नी की असली परीक्षा तब होती है, जब पति पर दुर्भाग्य का साया हो.
चाणक्य कहते हैं कि अगर आपके बुरे दिन चल रहे हो और आपकी पत्नी आपका साथ दे, तो आप खुद को सौभाग्यशाली समझें.
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि नौकर की असल परीक्षा तब होती है जब उसे आप नौकरी से निकालते हैं.
ऐसे ही कठिनाई के समय में रिश्तेदार की और विपत्ति के समय दोस्त की परीक्षा की जानी चाहिए.
ठीक ऐसे ही अगर आपका बुरा वक्त चल रहा हो तो आप अपनी पत्नी की परीक्षा ले सकते हैं, लेकिन बार-बार ऐसा ना करें.
यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ चाणक्य नीति पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.