भारतीय रेल से आपने भी एक न एक बार सफर जरूर किया होगा. रेलवे की सुविधाओं में लगातार इजाफा हो रहा है.
पहले ट्रेन कोयले से चला करती थीं, इसके बाद बारी डीजल इंजन की आई. अब इलेक्ट्रिक ट्रेन चल रही हैं.
ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और डीजल पर निर्भरता घटाने के लिए लगातार रेलवे ट्रैक पर विद्युतीकरण का काम किया जा रहा है.
लेकिन क्या आप जानते है ट्रेन किस वोल्टेज पर दौड़ती है और रेलवे की लाइट क्यों नहीं जाती है. आइए जानते हैं.
अनुमान लगाएं तो ट्रेन का इंजन ही कई टन का होता है, फिर पूरी ट्रेन का वजन कितना होगा. इसलिए ज्यादा वोल्टेज की जरूरत होगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रिक ट्रेन को चलने के लिए 25 हजार वोल्टेज (25KV) की जरूरत होती है.
करंट को इंजन के ऊपर लगे पेंटोग्राफ यंत्र के जरिये इंजन तक पहुंचाया जाता है.
ट्रेनों के ऊपर दौड़ने वाले बिजली के तारों को ओवर हेड इक्यूपमेंट (OHE) कहते हैं.
रेलवे को पॉवर सप्लाई सीधे पॉवर ग्रिड से की जाती है. इसी वजह से रेलवे की लाइट कभी नहीं जाती है.