घर में बच्चा पैदा होता है तो खुशी तो होती ही है. वहीं, अगर जुड़वा बच्चे पैदा हो जाएं तो खुशी भी दोगुनी हो जाती है. कई बार जुड़वा बच्चे हमशक्ल होते हैं. यानी उनका चेहरा मिलता-जुलता रहता है.
जुडंवा बच्चों को देखकर हम सब के मन में सवाल आता है कि आखिर कैसे जुड़वा बच्चे होते हैं. इसके पीछे का साइंस क्या होता है.
जानकारों के मुताबिक, जुड़वा बच्चा पैदा होने के पीछे दो स्थिति होती है.
कभी-कभी ऐसा होता है कि फिजिकल रिलेशन के बाद गर्भाधान की क्रिया के बाद अंडा दो हिस्सों में बंट जाता है. इस स्थिति में जुड़वा बच्चे विकसित होते हैं. दोनों एक साथ पैदा होते हैं.
साथ ही इनका रंग और रूप मिलता-जुलता रहता है. लिंग भी समान होता है. यानी या तो दोनों लड़के होंगे या दोनों लड़की.
दूसरी स्थिति में पुरुष के सीमन से दो स्पर्म महिलाओं के अलग-अलग अंडों में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गर्भ में दो बच्चों का विकास होता रहता है.
इस स्थिति में जरूरी नहीं कि दोनों का रंग और रूप एक जैसा हो. साथ ही यह भी जरूरी नहीं कि दोनों लड़के हों या लड़की.
जानकारों का कहना है कि ऐसा कोई घरेलू नुस्खा या सेक्स पोजीशन या तरीका नहीं है, जिससे जुड़वा बच्चे होने की कोई गारंटी दे सके.
बता दें कि आजकल IVF और IUI का क्रेज बढ़ रहा है. इस दौरान महिलाएं जिन दवाइयों का इस्तेमाल करती हैं, उनमें कई बार एक से ज्यादा अंडे बनते हैं. ऐसी स्थिति में जुड़वा बच्चे हो सकते हैं.