शरीर के जिस भाग में ज्यादा गर्मी जाएगी वह उतनी जल्दी जलेगा. ऐसे ही शरीर के अन्य हिस्से की अपेक्षा हाथों और पैरों की हड्डियां कई बार इतनी जल्दी नहीं जल पाती हैं.
ज्यादा चर्बी वाले अंग ज्यादा जल्दी जलता है. लेकिन फिर भी शरीर के कुछ भाग जलते ही नहीं हैं.
दांत आग में नहीं जलते हैं. चिता जलकर बुझ जाती है और जब अस्थियां इकट्ठी की जाती हैं, तो उसमें दांत भी लोगों को मिलते हैं.
शरीर में दांत एक ऐसा हिस्सा हैं जिस पर आग का बहुत कम असर हो पाता है. यह आसानी से नहीं जल पाता है.
बहुत से लोगों का मानना है कि नाखून भी आग में नहीं जल पाते हैं पर वैज्ञानिक तौर पर यह प्रमाणित नहीं किया गया है.
हालांकि, अगर अपने नाखून काटकर उसका एक छोटा सा हिस्सा जला कर देखें तो वह जलता है, ऐसे में नाखून के बारे में स्पष्ट कुछ कहा नहीं जा सकता.
ध्यान दें कि कंकाल जलने पर राख नहीं होता, बल्कि आधुनिक शवदाह गृहों में भी नहीं वह खाक नहीं होता है.
शवदाह गृहों में भी जलने के बाद कंकाल के अवशेष को श्मशान से निकाल दिया जाता है और फिर श्मशान घाट पर रख दिया जाता है और उसे पीसा जाता है.
यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और माध्यमों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को मानने से पहले अपने विशेषज्ञ की सलाह ले लें. ये सभी एआई से निकाले गए हैं, इन्हें वास्तिक चित्र न माना जाए. यह एक अनुमान है