भारत में पहला इंजीनियरिंग कॉलेज 1847 में उत्तराखंड में खुला था. देश का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज 150 साल पहले खुल गया था. तो आइये जानते हैं पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के बारे में.
भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज को यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की के नाम से जाना जाता है.
इसे सबसे पहले थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के नाम से भी जाना जाता था.
यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की की स्थापना साल 1847 में की गई थी.
यहां दाखिले के लिए कड़ी परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है. तब जाकर एडमिशन मिलता है.
यहां पर एडमिशन मिलने का सीधा मतलब होता है कि आपकी नौकरी पक्की हो गई है.
नौकरी भी कोई छोटी मोटी नहीं, यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को लाखों करोड़ों में पैकेज मिलता है.
आज इसे यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की या फिर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में एडमिशन के लिए JEE Main एग्जाम में बैठना होता है.
मेन में क्वालीफाई करने के बाद ही जेईई एडवांस क्रैक करना होता है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.