घर में चल रही परेशानियों की जड़ हो सकता है शीशा, यहां पढ़ें शीशे से जुड़े वास्तु नियम

Sandeep Bhardwaj
Oct 01, 2023

According To Vastu

दर्पण, शीशा या आईना सभी घरों में होता है, घर की दीवार पर शीशा लगाने के लिए कुछ जरूरी वास्तु नियम होते हैं. जिनकी अनदेखी बहुत भारी पड़ती है.

According To Vastu

आइना या घर की खिड़कियों में लगने वाला शीशा हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करता है. इसके टूट जाने पर शुभ-अशुभ फल मिलता है. शीशे से जुड़े वास्तु नियमों का पालन जरूरी है

शीशे का आकार

वास्तु के अनुसार घर में हमेशा चौकोर शीशे का प्रयोग करना चाहिए. गोल या अंडाकार शीशे के प्रभाव से सकारात्मक ऊर्जा भी नकारात्मक में बदल जाती हैऔर घर में अशांति फैलती है.

बेडरूम का शीशा

बेडरूम में शीशा लगाने से बचना चाहिए. अगर लगाना भी पड़े तो उसे ऐसी जगह पर लगाएं कि उसमें आपका बेड न दिखाई दे. या फिर शीशे को प्रयोग में लाने के बाद उस शीशे को एक परदे से ढंक दें.

टूटा शीशा

वास्तु के अनुसार घर में कोई शीशा टूट जाए तो उसे तुरंत घर से बाहर निकाल देना चाहिए,वास्तु में टूटे हुए शीशे को बड़ा दोष माना गया है.

खिड़की का शीशा

घर की किसी खिड़की में लगे चटके शीशे को तुरंत बदलवा देना चाहिए. ऐसा न करने पर आर्थिक नुकसान होता है और रिश्तों में दरार आती है.

आमने सामने शीशा

घर में कभी भी एक शीशे को दूसरे शीशे के सामने नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसके कारण उत्पन्न होने वाला वास्तु दोष उस स्थान पर अशांति और बेचैनी को बढ़ाता है.

दरवाजे के सामने शीशा

आईने को भूलकर भी खिड़की या दरवाजे के सामने नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा खिड़की या दरवाजे के रास्ते बाहर चली जाती है.

शीशे की सफाई

गन्दा शीशा घर में नुकसान लाता है. दांपत्य जीवन में कड़वाहट बढ़ती है.

शीशे का टूटना

कभी कभी शीशे के टूटने में घर के भीतर आने वाली किसी मुसीबत के टल जाने का संकेत छिपा होता है. शीशा घर की विपदा को अपने ऊपर ले लेता है.

यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ZEE News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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