भारत की करेंसी वाले सिक्के कोलकत्ता, मुंबई, हैदराबाद व नोएडा के टकसाल में बनते हैं. यूपी के नोएडा में नोएडा की टकसाल आजादी के बाद स्थापित की गई.
नोएडा के सेक्टर-1 में यह टकसाल स्थित है जोकि सीधे भारत सरकार के अधीन है. नोएडा की टकसाल को देशी यानी शुद्ध स्वदेशी टकसाल कहते हैं.
नोएडा की टकसाल में एक रुपये से 10 रुपये तक के सभी सिक्के और विदेशों के लिए भी सिक्के तैयार किए जाते हैं.
नोएडा की टकसाल पूरे 1400 एकड़ जमीन पर फैली हुई है. हर साल 3922 मिलियन नग सिक्के तैयार करने की इस टकसाल की क्षमता है.
भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड यानी एसपीएमसीआईएल द्वारा इस टकसाल का संचालन किया जाता है.
आजादी के बाद भारत में सिक्कों की मांग को पूरी करने के लिए नोएडा में इस टकसाल की स्थापना करने का फैसला साल 1984 में लिया गया.
1984 के उसी फैसले के तहत 1988 में नोएडा के सेक्टर-1 में इस टकसाल को बनाया गया जहां सिक्कों का निर्माण किया जाता है.
उस समय नोएडा में टकसाल को स्थापित करने में कुल 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
नोएडा की टकसाल में साल 1988 के जुलाई महीने में सिक्कों का उत्पादन करने की शुरुआत की गई.
टकसाल में साल 2012 में सिक्कों का उत्पादन 24 घंटे शुरू हुआ इसके लिए दिन व रात की अलग-अलग शिफ्ट में काम किया जाता है. 2015 में इसकी क्षमता दोगुनी हुई.