नवाबों के शहर में एक ऐसी इमारत है जिसमें यूरोपीय कला का नमूना दिखता है. इस इमारत की सुदंरता को देखते रह जाएंगे.
हम बात कर रहे ला मार्टिनियर कॉलेज की जिसका इतिहास करीब 180 साल पुराना है. इसे यूपी का सबसे खूबसूरत स्कूल माना जाता है.
ये बिल्डिंग कभी महल हुआ करती थी, लेकिन आज लखनऊ का सबसे मशूहर स्कूल है. ला मार्टिनियर कॉलेज की स्थापना 1845 में की गई थी.
ये महल देश विदेश की कीमतों चीजों से सजा है. इस बिल्डिंग में फ्रेंच कला का नमूना जगह-जगह दिखता है.
क्लाउड मार्टिन ने इसे अपने रहने के लिए बनवाया था. इसमें तुर्की और परशियन कारीगारी का बेजोड़ नमूना दिखता है. ला मार्टीनियर स्कूल 700 एकड़ में फैला है.
1761 में पांडिचेरी को हारने के बाद क्लाउड मार्टिन ने आर्मी ज्वाइन की थी और मेजर जनरल बन गए थे. इस दौरान वह नवाब आसिफ उद दौला की कंपनी में चले गए थे.
ला मार्टिनियर कॉलेज की खासियत है कि हर मौसम के अनुसार तापमान बदलता है. यहां बने खोखले टावर एयरकंडीशनर का काम करते हैं. जो गर्मी में तो तरावट देते हैं, लेकिन ठंडक में गर्मी का अहसास करवाते हैं
इतिहासकारों के मुताबिक जब क्लाउड मार्टिन को अपनी मौत का अहसास हुआ तो उन्होंने इस महल को स्कूल में बदल दिया. उन्हीं की ख्वाहिश के अनुसार ये महला ला मार्टिनियर कॉलेज में तब्दील हो गया.
ये दुनिया का एकमात्र स्कूल है जिसे शाही युद्ध सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. इस स्कूल ने 1857 के संग्राम के दौरान लखनऊ की हिफाजत करने में भूमिका निभाई थी.
इस महल में कई सुरंग हैं जो शहर के अलग-अलग इलाकों में खुलती है. बिल्डिंग में लाइब्रेरी से लेकर असेंबली हॉल बहुत ही सुंदर है.
यहां गदर एक प्रेमकथा, अनवर, ऑलवेज कभी कभी समेत कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है.
मरने के बाद क्लाउड मार्टिन यहीं तहखाने में दफना दिए गए. उनका मकबरा यहां आज भी है. एक हिस्से में गोरी बीबी का मकबरा है जो क्लाउड मार्टिन के साथ की कब्र के पास है. क्लाउड ने अपनी वसीयत में इसका जिक्र किया था.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.