अगर नेपाल से कोई भी पर्यटक और श्रद्धालु भारत आना चाहता है या भारत से कोई भी पर्यटक और श्रद्धालु नेपाल जाने का इंतजार कर रहा था तो उसके लिए खुशखबरी है.
भारत और नेपाल के बीच इंटरनेशनल बॉर्डर को फिर से खोल दिया गया है. गौरीफंटा-धनगढ़ी सीमा फिर से खोला जाना प्रकृति प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण है.
इससे नेपाल से जो वन्य जीव प्रेमी भारत में जंगल सफारी करना चाहते हैं, वो लखीमपुर के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान संरक्षित वन क्षेत्र में जा सकते हैं.
घने जंगलों से घिरा यह इलाका रॉयल बंगाल टाइगर के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र है. हर साल बड़ी संख्या में वन्य जीव प्रेमी यहां पहुंचते हैं. ये राष्ट्रीय उद्यान नेपाल के धनगढ़ी शहर से लगा हुआ है.
लंबे समय बाद भारत और नेपाल के पर्यटकों को एक-दूसरे देश में फिर से जाने और घूमने का मौका मिलेगा. उधर, बौद्ध पर्यटकों के लिए भी इस बॉर्डर का खुलना बेहद अच्छा है.
इस बॉर्डर के जरिए नेपाल से आने वाले पर्यटकों को यूपी के कई वन्य जीव अभ्यारण्यों और सारनाथ व कुशीनगर जैसे पवित्र बौद्ध स्थलों की यात्रा का अवसर मिलेगा.
ये इंटरनेशनल बॉर्डर कोरोना काल के दौरान बंद किया गया था. पर्यटन के नजरिए से ये इंटरनेशनल बॉर्डर भारत-नेपाल के बीच अहम कड़ी माना जाता है.
पोखरा नेपाल का खास पर्यटन स्थल माना जाता है. ये हमेशा से ही पर्यटकों को लुभाता रहा है. इस खूबसूरत झील के पास बैठकर लोग काफी समय गुजारते हैं. यहां मन को काफी शांति मिलती है.
काठमांडू नेपाल की राजधानी है. यहां माउंट एवरेस्ट का अलौकिक नजारा देखा जा सकता है. यहां धार्मिक यात्रियों के लिए भी है खास जगहों में से एक है. यहां पशुपति नाथ, बौद्ध नाथ व स्वंभूनाथ है मंदिर है.
नगरकोट भी पर्यटकों को लुभाता रहा है. यहां से हिमालय का नजारा दिखता है. यहां के होटल की खिड़कियों से लोग आसानी से हिमालय को निहार सकते हैं. ये मनोरम नजारे को देखने के लिए लोग आते हैं.
यहां विश्व की सबसे ऊंची पर्वत माउंट एवरेस्ट है. यहां अन्य भी कई पर्वत चोटियां हैं. इनमें ल्होत्से, चो ओयू, थमसेरकू, नुपत्से, अमाडबलम व पुमोरी शामिल हैं. यहां बहुत-से पेड़-पौधे व जीव-जंतु भी रहते हैं.
भगवान पशुपतिनाथ नेपाल में पूज्य देव माने जाते हैं. इन्हें भगवान शिव के नाम से भी जाना जाता है. ये नेपाल का सबसे व्यस्त पर्यटन स्थल है. ये मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है.
बौधानाथ काठमांडू से कुछ ही दूरी पर है. यहां तिब्बती तीर्थयात्री भी ध्यान योग के लिए आते हैं. मंदिर का स्तूप इसे खास बना देता है. ये नेपाल का सबसे बड़ा गोलाकार स्तूप माना जाता है. ये खासा चैत्य के नाम से भी मशहूर है.
ये स्थान पोखरा के उत्तर दिशा में मौजूद है. ये गुफा फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन स्थान है. इस गुफा को काफी दुर्लभ माना जाता है. पूरे साल यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. गुफा के अंदर भगवान शिव की एक मूर्ति भी है.
ये भगवान बुद्ध की जन्मस्थली है. ये नेपाल के खास पर्यटन स्थलों में से एक है. ये कपिलवस्ता क्षेत्र में है. काफी संख्या में लोग हर साल केवल लुंबिनी ही देखने के लिए नेपाल पहुंचते हैं. ये दुनिया के पवित्र स्थानों में से एक है.
ये यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है. इसे वन्यजीवों का प्राकृतिक निवास माना जाता है. जंगल सफारी के लिए ये जगह मशहूर है. ये नेपाल का पहला राष्ट्रीय उद्यान है. इसे वर्ष 1973 में बनाया गया था.
ये नेपाल की मशहूर मीठे पानी की झील है. ये हमेशा से ही पर्यटकों को लुभाता रहा है. झील में बांध-जलाशयों का पानी पहुंचता है. ये नेपाल की दूसरी सबसे बड़ी झील है. इस झील को देखने के लिए सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं.