कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है, मगर जो खो गई वो चीज क्या थी

Ujjwal Kumar Rai
Jan 17, 2023

तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे, अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है

डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से, लेकिन एक सफर पर ऐ दिल अब जाना तो होगा

हम तो बचपन में भी अकेले थे, सिर्फ दिल की गली में खेले थे

इस शहर में जीने के अंदाज निराले हैं, होंटों पे लतीफे हैं आवाज में छाले हैं

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