एक बार एक इंटरव्यू के दौरान जया किशोरी ने शादी के गुर सिखाए और बताया कि कैसे अपने वैवाहिक जीवन सफल बनाया जा सकता है.
जया किशोरी ने कहा था कि मैंने बहुत से शादीशुदा लोगों को देखा और सुना है, वो अपनी परेशानी मुझे बताते हैं.
जया किशोरी ने आगे कहा कि कोई भी रिश्ता हो, सास-बहू, पति-पत्नी. शादी को बहुत दिन भी हो जाए कभी भी ससुराल को जमाई अपना घर नहीं समझता
जया किशोरी ने दूसरे दिन से ही बहू अपने ससुराल को दूसरा घर समझती है. समझना पड़ेगा कि दोनों हाथ से ताली बजती है.
जया किशोरी ने समझाया था कि समझना होगा कि जिनके साथ भी आपके रिश्ते हैं वो कॉम्प्रोमाइज नहीं बल्कि एडजस्टमेंट करें.
जया किशोरी ने कहा ससुराल में पत्नी की क्या इज्जत होगी, उसके अधिकार क्या होंगे यह पति तय करता है.
जिस पर जो जिम्मेदारी हो उसे वो उस समय उठाए. जया किशोरी ने आगे कहा कि आपका उद्देश्य मुझे अपना रिश्ता सुधारना है ये होना चाहिए.
अगर उद्देश्य खुद को सही साबित करने का हुआ तो वहां पर रिश्ते नहीं चलेंगे.
आज सबका उद्देश्य खुद को सही साबित करना है जिससे रिश्ते सुधर नहीं पाते हैं.