जरासंध महाभारत काल के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य मगध का सम्राट था. उसके पास विशाल सेना थी लेकिन वह क्रूर और अत्याचारी था.
वह कंस का ससुर था. भगवान श्रीकृष्ण के कंस का वध करने की वजह से जरासंध उनको अपना दुश्मन मानता था.
कंश के वध के बाद श्रीकृष्ण को मारने के लिए जरासंध ने 17 बार मथुरा पर आक्रमण किया था. लेकिन हर बार उसे हार मिली.
श्रीकृष्ण और बलराम हर बार उसकी पूरी सेना का नाश कर उसे जीवित छोड़ देते थे. दोनों चाहते थे कि जरासंध सभी पापियों को लेकर आये ताकि वे उनका संहार कर सकें.
जरासंध भी स्वभाव से जिद्दी था. उसने 18वीं बार मथुरा पर हमला करने का फैसला किया.
जिसमें कई आर्यावर्त राजाओं ने उसका साथ दिया. बल्कि इस बार एक विदेशी सम्राट कालयवन भी अपनी एक करोड़ की सेना लेकर जरासंध से आ मिला.
कालयवन का वध श्रीकृष्ण ने महाराज मुचुकुन्द द्वारा करवा दिया लेकिन उसकी सेना जरासंध के साथ ही रही.
उसने इस सेना के साथ आर्यावर्त के कई राजाओं की सेना के साथ मथुरा पर इतिहास का सबसे बड़ा आक्रमण किया.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.