महाभारतकाल में कर्ण की वीरता और दान से तो सभी परिचित थे. कर्ण ने दुर्योधन की मित्रता निभाने के लिए अपने भाइयों से युद्ध किया.
कर्ण की वीरता और दान के बारे में ज्यादातर जानते हैं लेकिन कर्ण की पत्नी या बच्चों के बारे में कम लोग जानते हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.
अविवाहित कुंती को सूर्यदेव की कृपा से दिव्य कवच-कुंडलों से युक्त एक पुत्र जन्मा था, जिसका नाम था- कर्ण.
सूर्य पुत्र दानवीर कर्ण के नाम से पुकारे जाते थे. कर्ण को राधेय के नाम से भी जानते थे. राधेय क्यों आइए जानते हैं.
कुंती ने कर्ण को त्याग दिया था. बाद में कर्ण को अधिरथ और उनकी पत्नी राधा ने पाला- इसलिए, कर्ण राधेय कहलाया.
अधिरत धृतराष्ट्र के सारथी थे. जानते हैं इनकी पत्नियों और बच्चों के बारे में.
महाभारत ग्रंथ में कर्ण की पूरी कथा है. जिसमें कर्ण के 10 पुत्रों का भी जिक्र है.
कर्ण ने दो शादियां की थी और दोनों ही बहुत खूबसूरत थीं. दोनों से कर्ण के 10 पुत्र थे.
कर्ण की पहली पत्नी का नाम वृषाली था और दूसरी पत्नी का नाम सुप्रिया था.
महाभारत के अनुसार पुत्रों के नाम-आगे देखिए उनके नाम
वृषसेन, चित्रसेन, सत्यसेन, सुषेण, सुदामा, शत्रुंजय, द्विपाता, बनसेन, प्रसेन और वृषकेतु. इनमें वृषकेतु कर्ण का सबसे छोटा पुत्र था.
कर्ण के दस बेटों में से 9 बेटों ने महाभारत के युद्ध में भाग लिया.
महाभारत युद्ध के बाद वृषकेतु ही कर्ण का एक मात्र जीवित पुत्र रहा.
स्पष्ट कर दें कि यह AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है. यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं.