महाभारत की कहानी हम कितना ही पढ़ लें या फिर जान लें. फिर भी कुछ ना कुछ रहस्य जानने से हम पीछे रह जातें है.
ऐसा ही एक रहस्य महाभारत में है जो हम सब नहीं जानते होंगे. वह है महाभारत युद्ध के 17वें दिन से जुड़ा है.
जब महाभारत के 17वें दिन कर्ण और युधिष्ठिर के बीच युद्ध हुआ था. तो इसमें युधिष्ठिर काफी बुरे तरह से घायल हो गए थे.
युधिष्ठिर के घायल होने के बाद जन अर्जुन को दिखाई नहीं देते हैं तो अर्जुन भीम से अपने बड़े भाई युधिष्ठिर के बारे में पूछते हैं.
अर्जुन के पूछने पर भीम ने बताया कि युधिष्ठिर कर्ण के साथ युद्ध करते हुए घायल हो गए हैं. इस वजह से वह अपने तंबू में हैं.
अर्जुन को अपने तंबू की तरफ आते देख युधिष्ठिर को लगा कि अर्जुन कर्ण को हराकर उन्हें एक खुशखबरी देने के लिए आ रहे हैं.
परंतु अर्जुन के बताने के बाद कि वह उनके घायल होने की खबर सुनकर युधिष्ठिर को देखने के लिए हैं. तो इस बात पर युधिष्ठिर को गुस्सा आ जाता है.
अर्जुन की यह बात सुनकर युधिष्ठिर गुस्से में अर्जुन से उनके गांडीव अस्त्र को उतार कर फेंक देने के लिए कह देते हैं.
अपने बड़े भाई युधिष्ठिर द्वारा अपने अस्त्र गांडीव को उतार कर फेंकने की बात सुनकर अर्जुन को क्रोध आ जाता है. इस वजह से वह गुस्से में युधिष्ठिर को मारने के लिए तलवार उठा लेते हैं.
अर्जुन के तलवार उठाने के पीछे उनके द्वारा लिया गया एक वचन था. वचन के अनुसार अगर कोई भी अपना या पराया व्यक्ति उनके अस्त्र गांडीव के खिलाफ कुछ बोलेगा तो वह उसकी हत्या कर देंगे.
परंतु अर्जुन को युधिष्ठिर की हत्या करने से वहां मौजूद भगवान श्री कृष्ण ने रोक लिया.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का Zee UPUK हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता है.