महाभारत के कौरव और पांडयों के बारे में सब जानते हैं, लेकिन उनकी बहन के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. कहा जाता है कि महाभारत युद्ध में कौरव-पांडवों ने अपनी बहन के पति का ही वध कर दिया था.
बता दें कि धृतराष्ट्र और महारानी गांधारी के 100 पुत्र और 1 पुत्री थी. दुर्योधन कौरव भाइयों में सबसे बड़ा था.
दुर्योधन की एक बहन थी. जिसका नाम दु:शला था. कई जगह उसका दुशाला भी लिखा गया है.
महाभारत युद्ध में अर्जुन ने दुशाला के पति का वध कर दिया था. इससे वह विधवा हो गई थी.
दुशाला की शादी सिंधु नरेश जयद्रथ से हुआ था. इस तरह से जयद्रथ दुर्योधन का बहनोई था.
कहा जाता है कि महाभारत युद्ध में उसने कौरवों का साथ दिया था.
जयद्रथ का जन्म हुआ तो यह भविष्यवाणी हुई कि उसका वध किसी भी साधारण मनुष्य के हाथों नहीं हो सकती है.
उसे कोई वीर क्षत्रिय ही मार सकेगा. जो भी जयद्रथ का सिर काटकर जमीन पर गिराएगा, उसी क्षण मारने वाले का सिर भी 100 टुकडों में फट जाएगा.
जब पांडवों ने जयद्रथ को अपमानित किया तो उसने पांडवों से बदला लेने के लिए शिव आराधना भी की थी.
जयद्रथ की आराधना से भगवान भोलेनाथ खुश हो गए और पांचों पांडवों के वध का वरदान मांगा.
उस समय भगवान बोले नाथ ने कहा था कि तुम केवल 4 पांडवों को ही युद्ध में हरा पाओगे, अर्जुन को नहीं.
युद्ध में जयद्रथ ने धोखे से अर्जुन पुत्र अभिमन्यु की हत्या की कर दी थी.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.