केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं.
सर्दियों के दौरान, बाबा केदार को उखीमठ लाया जाता है.
बाबा केदार को ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में लाया जाता है.
यहां बाबा केदार की छह महीने तक पूजा की जाती है.
उखीमठ को ओखीमठ भी कहा जाता है. यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से 41 किमी दूर है.
कहते हैं कि उषा (बाणासुर की बेटी) और अनिरुद्ध (भगवान कृष्ण के पोते) का विवाह यहीं हुआ था.
उषा के नाम पर इस स्थान का नाम उषामठ पड़ा.
ऊखीमठ में कई अन्य प्राचीन मंदिर हैं जो उषा, शिव, अनिरुद्ध, पार्वती और मान्धाता जैसे कई देवी-देवताओं को समर्पित हैं.
उखीमठ से आप मध्यमहेश्वर मंदिर, तुंगनाथ मंदिर और देवरिया ताल जा सकते हैं.