बाबा खाटूश्याम के दरबार में लगने वाले लक्खी मेले का इंतजार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है.
राजस्थान की सीकर जिला स्थित खाटूधाम में 11 मार्च से भरने वाले 11 दिवसीय फाल्गुनी लक्खी मेले की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है.
इस बार पूरे मेला क्षेत्र को आठ सेक्टर में बांटा गया है. 10 मार्च की शाम से रींगस-खाटू मार्ग को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है.
आइए जानते है कि क्या है इस मेले की खाशियत. और इस बार इस मेले को लेकर क्या- क्या तैयारियां की गई है.
इस बार इस मेले के दौरान डीजे पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी. वहीं पालिका को सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिया गया है.
पुलिस व मंदिर कमेटी के सभी अधिकारियों को दर्शन मार्ग. चिकित्सा. सड़क. पानी. सुलभ. अग्निशमन आदि व्यवस्थाओं को समय पर दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए है.
इस बार दर्शन व्यवस्था को लेकर कलक्टर ने लखदातार मैदान से मोक्षधाम तक तीन लाइन और मोक्षधाम से कुमावत कृषि फार्म के नए रास्ते बनाए गए है.
भक्तों के लिए इस बार मेले में 150 से अधिक रोडवेज की बसें चलाने का निर्णय लिया गया है. खाटू श्याम (Khatu Shayam Mela) में यूपी उत्तराखंड से जाते हैं लाखों भक्त
मान्यता है कि यदि कोई साधक फाल्गुन माह में बाबा खाटू श्याम के दर्शन और माथा टेकने आता है. तो बाबा शयाम प्रसन्न होकर उस भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं
इसके बाद बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपना शीश काटकर दे दिया. मान्यता है कि इसी वजह से हर साल लक्खी मेला लगता है.