भाद्रपद माह की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं, इस दिन विष्णुजी, यमुना नदी और शेषनाग की पूजा की जाती है.
इस दिन भगवान विष्णु को अनंत सूत्र अर्पित करके ही बांधा जाता है, 14 गांठ अवश्य ही बांधे का विधान है.
अनंत सूत्र एक बार बांधने के बाद एक साल तक अवश्य बांधे रखें.
अनंत चतुर्दशी पर जब व्रत रखा जाता तब केवल एक समय और मीठा भोजन खाना चाहिए.
अनंत चतुर्दशी वाले दिन अवश्य ही ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें.
अनंत चतुर्दशी के दिन ऐसा काम करने से बचें जिससे दूसरों को हानि पहुंचती हो. पशु-पक्षियों को परेशान न करें.
अनंत चतुर्दशी के दिन गलती से भी मांस और मदिरा का सेवन न करें और लड़ाई झगड़ा तो कतई न करें.
अनंत चतुर्दशी के दिन कभी भी बांधा गया सूत्र बिल्कुल न तोड़ें नहीं तो इसके अशुभ फल प्राप्त हो सकते हैं.
अनंत चतुर्दशी के दिन रेशम व सूते के धागे से बने सूत्र तको ही बांधें, नहीं तो मां लक्ष्मी भी नाराज हो सकती हैं.
अनंत चतुर्दशी के दिन प्याज और लहसून का बिल्कुल सेवन न करें.