कौए एवं पीपल को पितृ प्रतीक माना जाता है. श्राद्ध के दिनों में कौए को खाना खिलाकर एवं पीपल को पानी पिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है.
शास्त्रों में यह बात स्पष्ट बताई गई है कि कोई भी क्षमतावान आत्मा कौए के शरीर में विचरण कर सकती है. ये हैं कौए से जुडी जरूरी बातें
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कौए को भोजन कराना चाहिए
अलग- अलग दिशाओं में कौवे का बोलना अलग अलग सूचना लाता है.
मुंडेर पर कोई कौआ बोले तो मेहमान आते हैं.
अगर कौआ घर की उत्तर दिशा से बोले तो जल्दी ही आर्थिक उन्नति के दरवाजे खुलते हैं और देवी लक्ष्मी घर आती हैं.
पश्चिम दिशा से कौआ बोले तो घर में ऐसे लोगों का आगमन होता है जिन्हे आप पसंद नहीं करते.
घर के पूर्व में कौए का बोलना शुभ समाचार लाता है. खुशहाली आती है.
घर की दक्षिण दिशा से कौआ बोले तो सतर्क हो जाना चाहिए कोई बुरा समाचार आ सकता है.
कौए को घर पर भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है.
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