लिव इन पर लगी लगाम, उत्तराखंड में 6 महीने जेल और 50 हजार तक जुर्माना

Sandeep Bhardwaj
Mar 13, 2024

Uttarakhand Uniform Civil Code

उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद कई नियमों में बदलाव किए जाएंगे. इनमें से 1 है शादी और लिव इन रिलेशनशिप. जानें क्यों,कब और कैसे रजिस्ट्रेशन करवाना होगा लिव इन रिलेशनशिप?. क्या इन नियम का पालन ना करने वालों को जेल हो सकती है?....

यूसीसी पर आखिरी मुहर भी लगी

उत्तराखंड विधानसभा में पास होने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है. राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा था.

समान नागरिक संहिता

समान नागरिक संहिता (य़ूसीसी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. अब नियमावली बनने के बाद इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा. यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी की पुष्टि सचिव गृह शैलेश बगोली ने दी.

लास्ट तक पढ़ें

आगे जाने इस कानून के लागू होने के बाद लिव में रहने वालो पर क्या फर्क पड़ेगा. कैसे होगा लिव इन रजिशट्रेशन? और क्या है इसमें सजा का प्रावधान?.

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के नियम

आगे बताए गए सभी नियम लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले या इसकी तैयारी करने वालों के लिए हैं. उत्तराखंड का मूल निवासी हो या न हो सबको इन नियमों का पालन करना होगा.

रजिस्ट्रेशन के नियम

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले को जिले के रजिस्ट्रार के पास जाकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. ऐसी रिलेशनशिप में रहने वाले 21 साल से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को रजिस्ट्रेशन के लिए माता-पिता की सहमति लेनी होगी.

सजा का प्रावधान

अगर कोई कपल बिना सूचित किए एक महीने से ज्यादा लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा होगा, तो उन्हें तीन महीने की जेल की सजा या 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

पुलिस वेरिफिकेशन

रजिस्ट्रेशन के लिए दी गई जानकारी को संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी द्वारा चेक की जाएगी. रजिस्ट्रेशन के दौरान अगर गलत जानकारी दी जाती है, तो दोषी पाए जाने पर तीन महीने की जेल या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

नहीं होगी रजिस्टर्ड

इस बिल के अनुसार अगर दोनों के बीच पारिवारिक संबंध या खून का रिश्ता है ऐसे लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा या उसे वैध नहीं माना जाएगा.

नहीं होगी रजिस्टर्ड

दोनों पार्टनर में से कोई भी नाबालिग नहीं होना चाहिए. अगर दोनों में से कोई एक पहले से शादीशुदा है और वो लिव-इन में किसी के साथ रह रहा है तो वो भी अवैध मानी जाएगी.

बच्चा वैध

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के दौरान अगर बच्चा पैदा होता है तो उसे भी वैध माना जाएगा.

महिला को मिलेगा गुजारा भत्ता

इसके साथ ही अगर रिलेशनशिप टूटती है तो महिला अदालत जा सकती है और गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है.

रिलेशनशिप खत्म करने पर देनी होगी जानकारी

लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले दोनों पार्टनर में से कोई एक भी अगर इसे खत्म करना चाहता है, तो इसकी जानकारी भी देनी होगी. रिलेशनशिप खत्म करने से पहले डिक्लेरेशन देनी होगी.

अपराध नहीं है लिव-इन में रहना

18 साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में साफ किया था कि 'बालिग होने के बाद व्यक्ति किसी के साथ भी रहने या शादी करने के लिए आजाद है.

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